लेखिनी वार्षिक लेखन प्रतियोगिता# शिक्षा का व्यापार
शम्मी आज स्कूल से रोते रोते घर पहुंची । मां ने पूछा ,"क्यों रो रही हो बेटा ? किसी ने मारा है क्या?"
बेचारी शम्मी को मां का आंचल मिला तो बहुत ज़ोर से रोने लगी ।एक हाथ पीछे कमर मे छुपा रखा था । मां ने पूछ ही लिया कि तुम ने पीछे हाथ मे क्या छुपा रखा है
"कुछ नहीं मां बस ऐसे ही ।" यह कहकर शम्मी ने ओर मजबूती से हाथ को कमर के पीछे कर लिया। मां को शक हुआ कि कुछ तो बात है मां ने जोर से हाथ खींच कर आगे किया तो सन रह गयी । क्यों कि हाथ पर नीली नीली लाईने पडी थी एक दो जगह फफोले भी हो गये थे। मां ने घबराते हुए पूछा ,"ये किसने किया?"
शम्मी और जोर से रोते हुईं बोली ,"मैडम ने।"
शम्मी की मां सरला माथे पर हाथ रख कर बैठ गयी अब क्या करे लड़की से पूछने पर पता चला उसे कापी पर होमवर्क लिखना नही आ रहा था।
अभी इसी साल शम्मी को उसके पापा ने चौथीं कक्षा मे छोटे स्कूल से बड़े स्कूल में करवाया था सोचा था बड़े स्कूल मे अच्छी पढ़ाई करेगी मेरी बेटी । शम्मी भी बहुत डरी हुई थी एक तो पहले वाला स्कूल घर के पास था दूसरा वहां उसके मां पिताजी को सब जानते थे।ये स्कूल अभी नया था। माहौल नया था और शुरुआती दिनों में ही शम्मी को डंडे से इतनी भंयकर मार पड़ी वह अंदर से कांप गयी।पहले स्थान पर आने वाली शम्मी अब क्लास मे नलायको की श्रेणी में आने लगी।
बेटी की ऐसी हालत देखकर पिता की रुलाई आ गयी।वो बोले,"कल ही इसकी मैडम से बात करके आता हूं ये कोई तरीका है बच्चों को पढाने का ।"
अगले दिन शम्मी के पिताजी स्कूल पहुंच गए। प्रिंसिपल के आफिस मे पहुंच गये और सारी बात प्रिंसिपल को बताई। शम्मी की क्लास टीचर को बुलाया गया बात पूछने पर उसने सारा कसूर शम्मी का ही निकाला कि होमवर्क करके नही लाती , क्लास मे कुछ नही सुनाती वगैरह वगैरह। पिताजी जी और क्या करते मैडम से हाथ जोडकर बोले कि आप सजा दो पर ऐसे मत दो ।मैडम ने भी आगे से नही होगा ऐसा कहकर बात रफा दफा कर दी ।जैसे ही शम्मी की क्लास में मैडम आयी आते ही उसने शम्मी को बेंच पर खड़ा कर दिया । थोड़ी देर बाद शम्मी के पास पहुंच कर उसकी चोटी खींचकर बोली ,
"बड़ी बाप की बेटी है क्या जो तुझे महारानी को हम हाथ भी नहीं लगा सकते ।चल सुना ये प्रश्न । " यह कहकर एक नया ही प्रश्न शम्मी से सुनने लगी जिसका जवाब पूरी क्लास को ही नही पता था बेचारी शम्मी को कैसे पता होता ।बस मैडम को अपनी बेइज्जती का बदला लेने का मौका मिल गया जो उसकी आफिस मे हुई थी।उसने शम्मी को रुई की तरह धुन दिया हां इतना ध्यान जरुर रखा कि चोट के निशान प्रत्यक्ष दिखाई ना दे।जाते जाते धीरे धीरे यह और बोल गयी कि बाप को बुलाने की अक्ल है बाप को ये नही कह सकती की मेरे पास ट्यूशन रख दे।
शम्मी लगातार रोये जा रही थी जैसे ही मैडम की ये बात सुनी वैसे ही वो एकदम चुप हो गयी उसे भीये रोज रोज की मार का हल मिल गया था उसने घर जाकर पिताजी को कहा कि वो उसकी ट्यूशन क्लास टीचर पर रख दे।
पिताजी ने भी सोचा कि टीचर कह रही थी पढ़ाई मे कमजोर है सो उन्होंने भी हां कह दिया।
अगले दिन शम्मी खुशी खुशी स्कूल पहुंची।जैसे ही मैडम क्लास मे आयी शम्मी ने झट से जाकर बोल दिया ,"मैडम मुझे आप के पास ट्यूशन लगानी है। शम्मी ने देखा मैडम मंद मंद मुस्कुरा रही थी। थोड़ी देर बाद जो मैडम शम्मी को पीछे वाले बेंच पर बैठाती थी उसने शम्मी को आगे वाले बेंच पर बैठने को कहा। शम्मी हैरान थी मैडम के बर्ताव को देखकर थोडी देर बाद मैडम की सहेली जो साथ वाली क्लास में पढ़ा रही थी वो लंच टाइम मे आयी तो शम्मी ने सुना उसकी मैडम अपनी सहेली से कह रही थी ,"देखा आ गयी ना लाइन पर मां बाप को कहना भी नही पड़ा कि हमारे पास ट्यूशन रख दो और अपने आप ट्यूशन मेरे पास आ गयी।
जब से शम्मी ने मैडम के पास ट्यूशन रखा है तब से शम्मी क्लास की सब से होशियार लड़की है , क्लास मोनिटर है अचरज की बात तो ये है कि अब वो गलत भी सुना देती है प्रश्न का उत्तर तब भी होशियारी की लिस्ट मे सब से ऊपर है।
अब ये शिक्षा का व्यापार नही तो और क्या है।
Gunjan Kamal
11-Mar-2022 09:19 PM
सच्चाई बयां करती हुई कहानी, शानदार प्रस्तुति 👌
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Monika garg
12-Mar-2022 10:25 AM
धन्यवाद
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The traveller
11-Mar-2022 04:57 PM
बहुत खूबसूरत कहानी।
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Monika garg
12-Mar-2022 10:25 AM
धन्यवाद
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Seema Priyadarshini sahay
19-Feb-2022 05:00 PM
बहुत बढ़िया लिखा मैम
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Monika garg
19-Feb-2022 09:29 PM
धन्यवाद
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